Basic English Story

English Bolne Se Aayegi
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Introduction: Stories are a fun and easy way for children to learn important lessons about life. They teach us about kindness, honesty, patience, and other good values. These stories are written in simple English, so they are easy to understand and enjoy.

Let's read some of the best basic english story that not only entertains but also helps us become better people.Basic English Story


Basic English Story
The Lion and the Mouse

Once upon a time, a big lion was sleeping under a tree in the jungle. A little mouse lived nearby. The mouse accidentally climbed onto the lion's nose.
एक बार की बात है, जंगल में एक बड़ा शेर पेड़ के नीचे सो रहा था। पास में ही एक छोटा चूहा रहता था। चूहा गलती से शेर की नाक पर चढ़ गया।

The lion woke up and roared, "Who can dare disturb my sleep?" He grabbed the mouse with his big claws.
शेर जाग गया और दहाड़ते हुए बोला, "कौन मेरी नींद में खलल डालने की हिम्मत कर सकता है?" उसने अपने बड़े पंजों से चूहे को पकड़ लिया।

The mouse pleaded, "Let me go! I am small, but I can help you someday."
चूहे ने विनती की, "मुझे जाने दो! मैं छोटा हूँ, लेकिन मैं किसी दिन तुम्हारी मदद कर सकता हूँ।"

The lion laughed. "How can a small creature like you help me?" But he let the mouse go.
शेर हँसा। "तुम जैसा छोटा प्राणी मेरी मदद कैसे कर सकता है?" लेकिन उसने चूहे को जाने दिया।

A few days later, the hunters caught the lion and tied him to the tree with ropes. The lion roared for help.
कुछ दिनों बाद, शिकारियों ने शेर को पकड़ लिया और उसे रस्सियों से पेड़ से बाँध दिया। शेर मदद के लिए दहाड़ने लगा।

The little mouse heard his voice and ran to help. With his sharp teeth, the mouse gnawed through the ropes and set the lion free.
छोटे चूहे ने उसकी आवाज़ सुनी और मदद के लिए दौड़ा। अपने तीखे दांतों से चूहे ने रस्सियों को कुतर दिया और शेर को आज़ाद कर दिया।

The lion said, "Thank you, little mouse. You were right. Even small friends can be very helpful."
शेर ने कहा, "धन्यवाद, छोटे चूहे। तुम सही थे। छोटे दोस्त भी बहुत मददगार हो सकते हैं।"


Moral of the story

Never underestimate anyone. Even a small thing can make a big difference.
कभी किसी को कम मत समझो। एक छोटी सी बात भी बड़ा बदलाव ला सकती है।



The Thirsty Crow


The Thirsty Crow


One summer day, a crow was very thirsty. He flew around looking for water, but he could not find any.
एक गर्मी के दिन, एक कौआ बहुत प्यासा था। वह पानी की तलाश में इधर-उधर उड़ता रहा, लेकिन उसे कुछ नहीं मिला।

Finally, he saw a pitcher with a little water at the bottom. He tried to reach it, but his beak could not go too deep.
आखिरकार, उसे एक घड़ा दिखाई दिया, जिसके नीचे थोड़ा पानी था। उसने उस तक पहुँचने की कोशिश की, लेकिन उसकी चोंच ज़्यादा गहराई तक नहीं जा सकी।

The crow thought, “What can I do to get water?” Suddenly, he got an idea.
कौए ने सोचा, “मैं पानी पाने के लिए क्या कर सकता हूँ?” अचानक, उसे एक विचार आया।

He saw some small stones nearby. He picked up a stone in his beak and put it in the pitcher. Then he put another stone, and then another.
उसे पास में कुछ छोटे-छोटे पत्थर दिखाई दिए। उसने अपनी चोंच में एक पत्थर उठाया और उसे घड़े में डाल दिया। फिर उसने एक और पत्थर डाला, और फिर एक और।

Gradually the water reached the top of the pitcher. The crow happily drank the water and flew away feeling refreshed.
धीरे-धीरे पानी घड़े के ऊपर तक पहुँच गया। कौए ने खुशी-खुशी पानी पिया और तरोताज़ा महसूस करते हुए उड़ गया।

Moral of the story

Where there is a will, there is a way.
जहाँ इच्छा है, वहाँ रास्ता है।



basic english story


The Hare and the Tortoise

Once upon a time, there lived a rabbit and a tortoise in a forest. The rabbit was very proud of his speed and always made fun of the tortoise because he was so slow.
एक बार की बात है, एक जंगल में एक खरगोश और एक कछुआ रहते थे। खरगोश को अपनी गति पर बहुत गर्व था और वह हमेशा कछुए का मज़ाक उड़ाता था क्योंकि वह बहुत धीमा था।

One day, the tortoise said, “Let’s race. I’m sure I can win!”
एक दिन, कछुए ने कहा, “चलो दौड़ लगाते हैं। मुझे यकीन है कि मैं जीत सकता हूँ!”

The rabbit laughed and agreed. They set a starting point and a finishing line.
खरगोश हँसा और सहमत हो गया। उन्होंने एक शुरुआती बिंदु और एक समापन रेखा निर्धारित की।

As the race began, the rabbit started running very fast and soon left the tortoise far behind. “It will take a long time to catch up with that slow tortoise,” thought the rabbit. He decided to rest under a tree and fell asleep.
जैसे ही दौड़ शुरू हुई, खरगोश बहुत तेज़ दौड़ने लगा और जल्द ही कछुए को बहुत पीछे छोड़ दिया। “उस धीमे कछुए को पकड़ने में बहुत समय लगेगा,” खरगोश ने सोचा। उसने एक पेड़ के नीचे आराम करने का फैसला किया और सो गया।

Meanwhile, the tortoise kept walking slowly but steadily. He passed the sleeping rabbit and reached the finishing line.
इस बीच, कछुआ धीरे-धीरे लेकिन स्थिर रूप से चलता रहा। वह सो रहे खरगोश को पार कर गया और फिनिशिंग लाइन पर पहुँच गया।

When the rabbit woke up, he saw the tortoise near the finishing line. He ran as fast as he could, but it was too late. The tortoise had already won the race!
जब खरगोश उठा, तो उसने कछुए को फिनिशिंग लाइन के पास देखा। वह जितनी तेज़ी से भाग सकता था, भागा, लेकिन बहुत देर हो चुकी थी। कछुआ पहले ही दौड़ जीत चुका था!

Moral of the story

Slowly and steadily wins the race.
धीरे-धीरे और लगातार चलने वाला ही दौड़ जीतता है।



The Fox and the Grapes



The Fox and the Grapes

One sunny day, a hungry fox was wandering through the forest in search of food. Soon, he saw a vine laden with ripe, juicy grapes hanging high.
एक धूप भरे दिन, एक भूखा लोमड़ी भोजन की तलाश में जंगल में भटक रहा था। जल्द ही, उसने पके, रसीले अंगूरों से लदी एक बेल देखी जो ऊँची लटकी हुई थी।

"Wow, these grapes look so delicious!" thought the fox. He jumped high to reach them but missed.
"वाह, ये अंगूर कितने स्वादिष्ट लग रहे हैं!" लोमड़ी ने सोचा। वह उन तक पहुँचने के लिए ऊँची छलांग लगाता है लेकिन चूक जाता है।

He tried again and again, jumping as high as he could, but he couldn't reach the grapes. The grapes were too high.
उसने बार-बार कोशिश की, जितना हो सके उतनी ऊँची छलांग लगाई, लेकिन वह अंगूरों तक नहीं पहुँच पाया। अंगूर बहुत ऊँचे थे।

Finally, tired and frustrated, the fox gave up. As he walked, he said to himself, "Maybe those grapes are sour anyway. I didn't want them."
आखिरकार, थक कर और निराश होकर लोमड़ी ने हार मान ली। चलते-चलते उसने खुद से कहा, "शायद वे अंगूर वैसे भी खट्टे हैं। मुझे वे नहीं चाहिए थे।"

Moral of the story

It's easy to dislike something you can't have.
किसी ऐसी चीज़ को नापसंद करना आसान है जो आपके पास नहीं हो सकती।

basic english story

The Boy Who Cried Wolf

Once upon a time, there was a shepherd boy who looked after the sheep in a small village. Every day, he would take the sheep to the fields and guard them.
एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक चरवाहा लड़का था जो भेड़ों की देखभाल करता था। हर दिन, वह भेड़ों को खेतों में ले जाता और उनकी रखवाली करता।

One day, the boy felt bored and thought of a trick. He shouted, “Wolf! Wolf! A wolf is attacking my sheep!”
एक दिन, लड़के को ऊब महसूस हुई और उसने एक तरकीब सोची। उसने चिल्लाया, “भेड़िया! भेड़िया! एक भेड़िया मेरी भेड़ों पर हमला कर रहा है!”

The villagers heard his screams and ran to help. But when they reached there, there was no wolf there. The boy laughed, “I fooled you!”
गाँव वालों ने उसकी चीख सुनी और मदद के लिए दौड़े। लेकिन जब वे वहाँ पहुँचे, तो वहाँ कोई भेड़िया नहीं था। लड़का हँसा, “मैंने तुम्हें बेवकूफ़ बनाया!”

The next day, he played the same trick. Again, the villagers came running, but there was no wolf to be found. They got angry and warned the boy not to lie again.
अगले दिन, उसने वही तरकीब खेली। फिर से, गाँव वाले दौड़े-दौड़े आए, लेकिन वहाँ कोई भेड़िया नहीं मिला। वे क्रोधित हो गए और लड़के को चेतावनी दी कि वह फिर से झूठ न बोले।

A few days later, a real wolf came. The boy shouted, “Wolf! Wolf! Please help!” But this time, the villagers did not believe him.
कुछ दिनों बाद, एक असली भेड़िया आया। लड़का चिल्लाया, “भेड़िया! भेड़िया! कृपया मदद करो!” लेकिन इस बार, गाँव वालों ने उस पर विश्वास नहीं किया।

The wolf attacked the sheep, and the boy got a hard lesson.
भेड़िये ने भेड़ों पर हमला किया, और लड़के को एक कठिन सबक मिला।

Moral of the story

Always speak the truth. No one trusts a liar.
हमेशा सच बोलो। झूठे पर कोई भरोसा नहीं करता।


the golden goose

The Golden Goose


Once upon a time, there lived a poor farmer in a small village. One day, he found a hen in his yard. To his surprise, the hen laid a golden egg.
एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक गरीब किसान रहता था। एक दिन, उसे अपने आँगन में एक मुर्गी मिली। उसे आश्चर्य हुआ कि मुर्गी ने एक सुनहरा अंडा दिया।

The farmer was very happy and sold the egg for a lot of money. Every day the hen laid a golden egg and the farmer became even richer.
किसान बहुत खुश हुआ और उसने अंडे को बहुत सारे पैसों में बेच दिया। हर दिन मुर्गी एक सुनहरा अंडा देती और किसान और भी अमीर हो गया।

However, greed took over the farmer. He thought, “If this hen lays golden eggs, there must be gold inside it. I will cut it open and take out all the gold in one go!”
हालाँकि, लालच ने किसान को अपने वश में कर लिया। उसने सोचा, “अगर यह मुर्गी सुनहरे अंडे देती है, तो इसके अंदर सोना होना चाहिए। मैं इसे काटकर एक ही बार में सारा सोना निकाल लूँगा!”

The farmer killed the hen, but to his surprise, there was no gold inside it. Now he had neither the hen nor the golden eggs.
किसान ने मुर्गी को मार डाला, लेकिन उसे आश्चर्य हुआ कि उसके अंदर सोना नहीं था। अब उसके पास न तो मुर्गी थी और न ही सुनहरे अंडे।

Moral of the story

Greed can cause harm. Be content with what you have.
लालच नुकसान पहुंचा सकता है। जो आपके पास है, उसी में संतुष्ट रहें।








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